मोहब्बत की कहूँ देवी या तुमको बंदगी कह दूँ, बुरा मानो न गर हमदम तो तुमको ज़िन्दगी कह दूँ।

अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ, जैसे कोई खूबसूरत जगह हो हसीन शाम के साथ।

जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर, दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर।

मुसाफर इश्क़ का हूं मैं मेरी मंज़िल मुहब्बत है, तेरे दिल में ठहर जाऊं अगर तेरी इजाज़त है।

मेरी आंखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार है, तेरा ही इश्क़ तेरा ही दर्द तेरा ही इंतजार है।

हमेशा के लिए रख लो ना, पास मुझे अपने कोई पूछे तो बता देना, किरायेदार है दिल का

पाना और खोना तो किस्मत की बात है, मगर चाहते रहना तो अपने हाथ में है।

होते तुम पास तो कोई शरारत करते… लेकर तुम्हे बाहों में बेपनाह मोहब्बत करते

वक्त कितना भी बदल जाए…. मेरी मोहब्बत कभी नही बदलेगी