सफर वही तक जहाँ तक तुम हो, नज़र वही तक जहाँ तक तुम हो, वैसे तो हज़ारों फूल खिलतें हैं गुलशन में मगर, खुशबू वही तक जहाँ तक तुम हो।

मेरे बजूद में काश तू उतर जाए, मैं देखूं आईना और तू नज़र आये, तू हो सामने और ये वक्त ठहर जाए, और ये जिंदगी तुझे देखते हुए गुज़र जाए।

चाँद से चाँदनी होती है सितारों से नही, और प्यार एक से होता है हजारो से नही।

भंवर से निकल कर एक किनारा मिला है, जीने को फिर एक सहारा मिला है, बहुत कश्मकश में थी ये जिंदगी मेरी, अब इस जिंदगी में साथ तुम्हारा मिला है।

ख़ामोशी इकरार से कम नहीं होती सादगी भी सिंगार से कम नहीं होती ये तो अपना अपना नज़रिया है मेरे दोस्त वर्ना दोस्ती भी प्यार से कम नहीं होती।

कोई चाँद से मोहब्बत करता है, कोई सूरज से मोहब्बत करता है, हम उनसे मोहब्बत करते हैं, जो हमसे मोहब्बत करता है।

दिल पर आये इल्ज़ाम से पहचानते हैं, अब लोग तो मुझे तेरे नाम से पहचानते हैं।

मोहब्बत का कोई मुकाम नही होता है, वो जो रास्ता होता हैं न वही खूबसूरत तमाम होता है।

ये जिंदगी कितनी खूबसूरत है, बस अब आप आइये आपकी ही जरूरत है।