शिव की बनी रहे आप पर छाया, पलट दे जो आपकी किस्मत की काया; मिले आपको वो सब अपनी ज़िन्दगी में, जो कभी किसी ने भी न पाया

कैसे कह दूँ कि मेरी, हर दुआ बेअसर हो गई मैं जब जब भी रोया, मेरे भोलेनाथ को खबर हो गई

शिव की महिमा अपरं पार; शिव करते सबका उद्धार; उनकी कृपा आप पर सदा बनी रहे; और आपके जीवन में आयें खुशियाँ हज़ार।

शव हूँ मैं भी शिव बिना, शव में शिव का वास… शिव है मेरे आराध्य, और मैं शिव का दास

हर ओर सत्यम-शिवम-सुन्दरम, हर हृदय में हर-हर हैं, जड़ चेतन में अभिव्यक्त सतत कंकर-कंकर में शंकर हैं.

जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष पिया करते हैं, ज़माना उन्हें क्या जलाएगा जो श्रृंगार ही अंगार से क्या करते हैं.

जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष पिया करते हैं, जमाना उन्हें क्या जलाएगा, जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं

शिव की शक्ति शिव की भक्ति, ख़ुशी की बहार मिले शिवरात्रि के पवन अवसर पर, आपको ज़िन्दगी की एक अच्छी नई शुरुवात मिले

पी के भांग जमा लो रंग जिन्दगी बीते खुशियों के संग लेकर नाम Shiv Bhole का दिल में भर लो शिवरात्रि की उमंग